वास्तुशास्त्र के अनुसार घर में शयनकक्ष का सही स्थान: जानें राजीव आचार्य से
वास्तुशास्त्र जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाने की एक प्राचीन भारतीय विज्ञान पद्धति है। घर का हर भाग हमारे मानसिक और शारीरिक संतुलन पर गहरा प्रभाव डालता है, विशेष रूप से शयनकक्ष का स्थान।
प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य एवं वास्तुशास्त्री राजीव आचार्य के अनुसार, शयनकक्ष का सही दिशा में होना वैवाहिक जीवन, स्वास्थ्य, और मानसिक शांति को बनाए रखने के लिए अत्यंत आवश्यक है।
उन्होंने बताया कि—
घर के दक्षिण-पश्चिम दिशा में स्थित शयनकक्ष गृहस्वामी के लिए सर्वश्रेष्ठ होता है।
बच्चों का शयनकक्ष पूर्व या उत्तर दिशा में होना शुभ माना जाता है।
शयनकक्ष में आईना इस तरह न रखें कि उसमें बिस्तर का प्रतिबिंब दिखे।
बिस्तर के ठीक सामने दरवाज़ा नहीं होना चाहिए।
शयनकक्ष में हल्के रंगों का प्रयोग करें ताकि सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे।
राजीव आचार्य जी ने कहा कि वास्तु केवल दिशाओं का विज्ञान नहीं, बल्कि यह ऊर्जा प्रवाह का विज्ञान है, जो जीवन को संतुलित और सौहार्दपूर्ण बनाता है।
राजीव आचार्य द्वारा बताया गया शयनकक्ष का सही स्थान — खुशहाल और सकारात्मक जीवन की ओर एक कदम।