विजयदशमी जिसे दशहरा भी कहा जाता है, धर्म की अधर्म पर विजय का प्रतीक पर्व है। ज्योतिषाचार्य एवं वास्तुशास्त्री राजीव आचार्य के अनुसार, इस दिन भगवान श्रीराम ने रावण का वध कर धर्म की स्थापना की थी। यह पर्व हर वर्ष आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है और इसे शुभ कार्यों के आरंभ का श्रेष्ठ दिन माना गया है।
विजयदशमी का पर्व न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह हमें जीवन में सत्य, धर्म और न्याय का पालन करने की प्रेरणा भी देता है। इस दिन शस्त्र पूजन, रावण दहन और भगवान श्रीराम की पूजा करने का विशेष महत्व है।
धर्म की विजय और अधर्म के नाश का यह संदेश समाज में सकारात्मक ऊर्जा और सद्भाव फैलाता है।