हिंदी साहित्य सम्मेलन में राजीव आचार्य को ‘साहित्यमहोपाध्याय’ की मानद उपाधि से अलंकृत किया गया। इस अवसर पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अनीस कुमार गुप्ता ने कहा कि हिंदी ही वह भाषा है जो सभी को समाहित करने की अद्वितीय क्षमता रखती है।
उन्होंने बताया कि विश्व की किसी भी भाषा में हिंदी जैसी अनुभूति और आत्मीयता नहीं है। हिंदी प्रेमियों के लिए स्वामी विवेकानंद का धर्म संसद में दिया गया प्रेरणादायी संबोधन सदैव मार्गदर्शक बना हुआ है।